बादलों के घूँघट से किरणें चमचमाती हैं शर्माती, इठलाती, धीरे गुनगुनाती हैं, तारों सी जड़ी रौशनी ... बादलों के घूँघट से किरणें चमचमाती हैं शर्माती, इठलाती, धीरे गुनगुनाती हैं, ...
आंखों के आँसू पलकों पर ही अटके हैं सालों से , आंखों के आँसू पलकों पर ही अटके हैं सालों से ,
लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं
बदलाव जरूरी है... बदलाव जरूरी है...
सपने टूटते हैं बड़ी खामोशी से अपने लूटते हैं बड़ी खामोशी से । ज़र,जोरू,ज़मीन की ख़ातिर ह सपने टूटते हैं बड़ी खामोशी से अपने लूटते हैं बड़ी खामोशी से । ज़र,जोरू,ज़म...
बहुत तीखी धूप है यहां छाता तो मिलता है पर , माँ बाप के प्यार की छाया नहीं मिलती है। बहुत तीखी धूप है यहां छाता तो मिलता है पर , माँ बाप के प्यार की छाया नहीं ...